योगी मंत्रिमंडल की आज शाम पांच बजे होगी बैठक, सरकार कर सकती है ये बड़ा ऐलान

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गठित भाजपा की नयी सरकार के करीब एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल की बैठक शाम पांच बजे आयोजित किये जाने की संभावना है. संभावना यह भी है कि योगी सरकार चुनावों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किये जाने की घोषणा पर अमल किया जायेगा. इससे पहले भाजपा ने भी अपने चुनावी घोषणापत्र में भी किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की थी. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा हो सकती है. यदि ऐसा होता है, तो किसानों का करीब 60 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज माफ कर दिया जायेगा.
मीडिया में आ रही खबरों में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि राज्य मंत्रिमण्डल की पहली बैठक चार अप्रैल की शाम पांच बजे होगी. प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा लघु तथा सीमान्त किसान हैं, जिन पर करीब 62 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.
उधर, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हाल ही में कहा कि चुनावी वादे के अनुरूप राज्य के किसानों का फसली कर्ज जल्द ही माफ कर दिया जायेगा. इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. राज्य सरकार ने लाभान्वित होने वाले किसानों की पूरी सूची तैयार कर ली है और जल्द ही इसे कैबिनेट की पहली बैठक में मंजूरी दी जायेगी. शाही ने बताया कि राज्य में कुल डेढ करोड़ ऐसे किसान हैं, जिनका सरकार की ओर से फसल के लिए लिया गया कर्ज माफ किया जायेगा.
प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र के प्रमुख वादों में किसानों की कर्ज माफी के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है. वित्त विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसानों के बैंकों के माध्यम से लिए गये फसली कर्ज की माफी एवं बजट तैयार करने के लिए संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकरियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं.
किसानों की कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गयी धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जायेगा. इसके लिए अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकता के मद्देनजर राज्य सरकार केंद्र से अतिरिक्त ऋण के लिए किये जाने वाले बंध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित कर्ज सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी.
प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं. प्रदेश में लघु एवं सीमांत  कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है. प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गयी है.
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