ICU में युवक की मौत, अस्पताल का नहीं दिया बिल तो शव के लिए गिड़गिड़ाते रहे परिजन

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उदयपुर।सेक्टर-11 स्थित निजी शांतिराज हॉस्पिटल (मानबाई मुर्डिया) में शुक्रवार को इलाज का भुगतान पूरा नहीं किए जाने पर परिजनों को 10 घंटे बाद तक महिला का शव नहीं सौंपा गया। दिनभर परिजन और उनके रिश्तेदार शव लेने के लिए इंतजार करते रहे और हॉस्पिटल प्रशासन के सामने गुहार लगाते रहे। इस दौरान परिजनों ने हंगामा भी किया।
आखिरकार मीडिया में मामला आने के बाद हॉस्पिटल प्रशासन का रुख नरम पड़ा और परिजनों को दोपहर करीब 1 बजे बाकी पैसा जमा कराए बिना शव सौंप दिया। मामले में हॉस्पिटल के डॉ.गजेन्द्र जोशी का कहना है कि परिजनों को शव ले जाने लिए मना नहीं किया, बल्कि उन्हें ये बोला गया था कि जितने पैसे जमा कराने की उनकी क्षमता है वे जमा कराकर शव ले जा सकते हैं। परिजन अशोक भणात का आरोप था कि आईसीयू में भर्ती करने के बाद वापस किसी को नहीं मिलने दिया गया। सुबह 7 बजे हमें दवाओं की लम्बी लिस्ट देकर 10 हजार रुपए बिल सौंपा, जबकि इससे पहले ही मृत्यु हो चुकी थी।
73 हजार रुपए का बना बिल, 25 हजार ही जमा करा पाए परिजन
जानकारी अनुसार खेरवाड़ा निवासी मगली देवी (42) गुरुवार को पेड़ पर टहनियां काटते समय असंतुलित होकर नीचे गिर गई थी, इससे उनके सिर पर गंभीर चोट लगी। इसके बाद परिजन शांतिराज हॉस्पिटल में लेकर आए, यहां महिला का देर रात ऑपरेशन किया गया और अल सुबह करीब 3 बजे ही मौत हो गई। हॉस्पिटल स्टाफ ने सुबह परिजनों को इसकी सूचना दी और 73750 रुपए बिल जमा कराकर शव ले जाने के लिए कहा। परिजनों ने 25 हजार रुपए जमा करा दिए थे, लेकिन बाकी पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई। एक तरफ मां की मौत के बाद उनकी बेटी रेखा का रोकर बुरा हाल था तो दूसरी तरफ परिजन हॉस्पिटल प्रशासन के सामने शव देने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे।
हमने परिजनों को सौंप दिया है शव
मृतका के सिर में खून का बड़ा थक्का लगा था। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई। शव को ले जाने के लिए परिजनों को मना नहीं किया, बल्कि बाकी बिल जमा नहीं कराने पर भी उन्हें शव सौंप दिया गया।सुमित माथुर, प्रभारी, शांतिराज हॉस्पिटल

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Dainik Bhaskar

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