PM मोदी आज रखेंगे पुणे मेट्रो और छत्रपति शिवाजी स्मारक की आधारशिला

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पुणे/मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन के महाराष्ट्र दौरे पर आज पुणे और मुंबई आ रहे हैं। वे यहां छत्रपति शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक और पुणे मेट्रो रेल परियोजना की आधारशिला रखेंगे। पुणे मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में तनातनी हो गई है। कार्यक्रम के एक दिन पहले ही शुक्रवार को कांग्रेस ने मेट्रो का भूमि पूजन कर डाला। मेट्रो के भूमि पूजन में ये नेता होंगे शामिल...
- 10 साल से लंबित इस मेट्रो प्रोजेक्ट की आधारशिला शाम 6 बजे प्रधानमंत्री मोदी के हाथों रखी जाएगी। पुणे के एग्रीकल्चर ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में एनसीपी चीफ शरद पवार भी शामिल होंगे।
- इनके साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, सीएम फड़णवीस भी मंच सांझा करेंगे।
- इस कार्यक्रम को लेकर शहर में ट्रैफिक रूट में बड़ा बदलाव किया गया है। बीजेपी की ओर से जारी विज्ञाप्ति में कहा गया है कि, इस कार्यक्रम में तकरीबन एक लाख लोग शामिल होंगे।
कांग्रेस ने कहा- मंजूरी तो हमारी सरकार के दौरान ही मिली ...
- चव्हाण शुक्रवार को समर्थकों के साथ शहर के स्वारगेट इलाके पहुंचे। इसके बाद उन्होंने प्रस्तावित मेट्रो रूट पर भूमिपूजन किया।
- इस दौरान पुणे के कांग्रेस अध्यक्ष रमेश बागवे भी मौजूद थे। 
- बागवे ने कहा, "मेट्रो को मंजूरी कांग्रेस की सरकार के दौरान मिली थी। इसलिए इस पर पहला हक सिर्फ कांग्रेस का है।"
कांग्रेस-एनसीपी में हुई तनातनी
- कलेक्टर सौरभ राव ने बताया था कि भूमिपूजन की तारीख पहले से तय थी, लेकिन किसके हाथों होगा यह तय नहीं था। आखिरकार प्रधानमंत्री इसके लिए तैयार हो गए।
- देवेंद्र फड़णवीस ने शरद पवार को भी इनवाइट किया। पवार ने भी न्योता स्वीकार कर लिया।
- इसके बाद कांग्रेस और एनसीपी में तनातनी हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी के प्रोग्राम में शामिल होने का मौका मिलते ही एनसीपी ने उनका साथ छोड़ दिया।
- पुणे मेट्रो का भूमिपूजन शनिवार को मोदी के हाथों होगा। शुरुआत में एनसीपी और कांग्रेस इसके खिलाफ थे।
- पुणे महानगर पालिका में एनसीपी का कब्जा है। पार्टी ने बाकायदा कार्ड छपवाकर मोदी के कार्यक्रम से एक दिन पहले पुणे मेट्रो का भूमिपूजन शरद पवार से कराने का एलान किया था, जिसका कांग्रेस ने भी समर्थन किया था।
ऐसा होगा मेट्रो रुट
- पुणे में जिन दो कॉरिडोर मंजूर किए गए हैं, उनमें से एक पिंपरी चिंचवाड़ से स्वारगेट तक 16.58 किमी की मेट्रो रेल लाइन बनाई जाएगी।
- इसमें से 11.57 किमी का हिस्सा एलिवेटेड और शेष 5.019 किमी अंडरग्राउंड होगा। इसी तरह से दूसरा कॉरिडोर वणाज से रामवडी के बीच बनेगा। 
- 14.66 किमी का यह कॉरिडोर पूरी तरह से एलिवेटेड होगा। इस कंपनी में केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार की बराबर की हिस्सेदारी है। 
- 2011 की जनगणना के मुताबिक पुणे की आबादी 4.99 मिलियन थी। उम्मीद है कि 2021 आते-आते यह 6.90 मिलियन हो जाएगी।
महाराष्ट्र मेट्रो कॉर्पोरेशन बनाएगा
- पुणे प्रोजेक्ट पर अमल का जिम्मा महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दिया जाएगा।
- अब नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का पुनर्गठन करके बनाया जा रहा महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन पुणे समेत सभी मेट्रो प्रोजेक्ट का काम करेगा। पुणे मेट्रो को अगले पांच साल में तैयार किया जाएगा।
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ऊंची शिवाजी की मूर्ति
- शिवाजी का ये स्मारक मुंबई के अरब सागर में समंदर तट से डेढ़ किलोमीटर अंदर होगी। इसमें छत्रपति शिवाजी की विशालकाय मूर्ति स्थापित होगी।
- इसकी ऊंचाई घोड़े समेत 192 मीटर यानी 630 फीट होगी। सिर्फ शिवाजी के पुतले की ही ऊंचाई करीब 114 मीटर यानी करीब 375 फीट है।
- 32 एकड़ के चट्टान पर स्मारक तैयार किया जाएगा जहां 10 हजार लोग एक साथ विजिट कर सकते हैं।
शिवाजी महाराज की इस मूर्ति की तुलना पूरी दुनिया में मशहूर न्यू यॉर्क के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी की जा रही है। जिसकी कुल ऊंचाई करीब 93 मीटर है।
- ऊंचाई के लिहाज से शिवाजी की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से काफी ऊंची होगी। 
- यही नहीं स्मारक पर मंदिर, लाइब्रेरी, एम्फीथिएटर, फूड कोर्ट, ऑडियो गायडेड टूअर जैसी सुविधाएं भी होंगी।
- इस भव्य स्मारक का कुल खर्च करीब 3600 करोड़ रुपये आंका गया है।
- मूर्ति को डिजाइन करने की जिम्मेदारी मशहूर शिल्पकार और पद्मभूषण से सम्मानित राम सुतार को सौंपी गई है।
स्मारक को लेकर राजनीति तेज
- शिवाजी स्मारक के भूमि पूजन के लिए राज्य के 36 जिलों से कलश और मिट्टी मंगाई गई है।
- लेकिन इससे पहले ही इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव को देखते हुए बीजेपी शिवाजी के स्मारक पर राजनीति कर रही है।
- पिछले कुछ महीने से महाराष्ट्र में मराठा समाज ने राज्य में आंदोलन खड़ा कर रखा है। आरक्षण का ये मामला कोर्ट में लंबित भी है।
- विपक्ष का आरोप है कि स्मारक की आड़ में बीजेपी मराठाओं को लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बीजेपी का साफ कहना है कि स्मारक राजनीतिक एजेंडा नहीं है।

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Dainik Bhaskar

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