नई दिल्ली: चुनाव सिर पर हैं और समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर कोहराम मचा हुआ है. एसपी (समाजवादी पार्टी) की 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की जा चुकी है. बीती रात एसपी प्रमुख मुलायम के भाई शिवपाल यादव ने लिस्ट जारी की. एसपी की तरफ से अबतक कुल 393 उम्मीदवारों की घोषिणा की जा चुकी है. बताया जा रहा है कि शिवपाल की लिस्ट से सीएम अखिलेश यादव नाराज हैं. अखिलेश की ये नाराजगी उनके समर्थकों का टिकट कटे जाने से है. वहीं ये भी बताया जा रहा है कि मुलायम और शिवपाल से अखिलेश ने तीखे सवाल किए हैं. अखिलेश ने भी 235 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में अखिलेश ने अपने करीबियों को टिकट दिया है. अखिलेश की इस लिस्ट में 171 मौजूदा विधायक शामिल हैं.
कल देर रात पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे और फिर 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी गई. 325 उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी. यानी पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर 403 में से 393 उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर बगावती तेवर दिखा रहे हैं. समाजवादी पार्टी की 325 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में अखिलेश की तरफ से दिए गए 107 उम्मीदवारों का नाम नहीं था. इस बात को लेकर अखिलेश समर्थकों में गुस्सा है. अपने करीबियों का टिकट कटने से नाराज अखिलेश भी कल मुलायम सिंह से मिलने पहुंचे और टिकट काटे जाने की वजह पूछी.
मुलायम ने शिवपाल की लिस्ट के समर्थन में दिया सर्वे का हवाला
सूत्रों के मुताबिक पिता से बात करते समय अखिलेश यादव के तेवर काफी तल्ख थे, वहीं मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के सर्वे का हवाला देकर कहा कि जिन नेताओं का टिकट काटा गया है, उनकी जीत की संभावना ना के बराबर है. दूसरी तरफ अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल यादव को बुलाने की जिद पर अड़े रहे जिसके बाद मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को अपने घर पर बुलाया. शिवपाल की मौजूदगी में नेताजी ने एक बार फिर साफ कर दिया कि टिकटों का फैसला हो चुका है और अब उसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
सूत्रों के मुताबिक पिता से बात करते समय अखिलेश यादव के तेवर काफी तल्ख थे, वहीं मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के सर्वे का हवाला देकर कहा कि जिन नेताओं का टिकट काटा गया है, उनकी जीत की संभावना ना के बराबर है. दूसरी तरफ अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल यादव को बुलाने की जिद पर अड़े रहे जिसके बाद मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को अपने घर पर बुलाया. शिवपाल की मौजूदगी में नेताजी ने एक बार फिर साफ कर दिया कि टिकटों का फैसला हो चुका है और अब उसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
अखिलेश ने जारी की 235 उम्मीदवारों की लिस्ट
इसके बाद अखिलेश ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और रात में 235 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में मौजूदा 171 विधायकों के नाम है. उन उम्मीदवारों के नाम भी हैं जो मुलायम-शिवपाल की लिस्ट में नहीं थे. अभी जिन 64 सीटों पर एसपी के विधायक नहीं हैं, वहां से भी 64 उम्मीदवारों के नाम इस लिस्ट में हैं. अगर बड़े नामों की चर्चा की जाए तो अखिलेश की लिस्ट में अयोध्या में उनके समर्थक पवन पांडे को टिकट दिया गया है, जबकि शिवपाल की लिस्ट में पवन पांडे का नाम नहीं था. इसी तरह अखिलेश ने रामनगर से अरविंद गोप को टिकट दिया है जबकि शिवपाल की लिस्ट में गोप का नाम भी नहीं था. वहीं अतीक अहमद का पत्ता अखिलेश ने काट दिया है जबकि शिवपाल की लिस्ट में अतीक, कानपुर कैंट से पार्टी के उम्मीदवार हैं. अखिलेश की लिस्ट में पहले से घोषित अमनमणि त्रिपाठी, नारद राय और ओमप्रकाश सिंह के नाम भी नहीं हैं.
किसकी लिस्ट है आधिकारिक लिस्ट!
लेकिन सवाल है कि किसकी लिस्ट को माना जाएगा. आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने का जिम्मा प्रदेश अध्यक्ष यानी शिवपाल यादव के पास है. पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह भी उसी लिस्ट पर मुहर लगा चुके हैं. ऐसे में अखिलेश अपनी लिस्ट जारी कर क्या जताना चाहते हैं. क्या वो अलग रास्ता चुनेंगे यानी की नई पार्टी बनाएंगे, हालांकि पहले वो इस संभावना से इंकार कर चुके है. खबर ये भी है कि अखिलेश समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन बुला सकते हैं. जाहिर है इसका मकसद खुद को सही बताना और मुलायम और शिवपाल पर दबाव बनाना होगा. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या परिवार का ये झगड़ा भी कहीं चुनावी रणनीति का हिस्सा तो नहीं?
लेकिन सवाल है कि किसकी लिस्ट को माना जाएगा. आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने का जिम्मा प्रदेश अध्यक्ष यानी शिवपाल यादव के पास है. पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह भी उसी लिस्ट पर मुहर लगा चुके हैं. ऐसे में अखिलेश अपनी लिस्ट जारी कर क्या जताना चाहते हैं. क्या वो अलग रास्ता चुनेंगे यानी की नई पार्टी बनाएंगे, हालांकि पहले वो इस संभावना से इंकार कर चुके है. खबर ये भी है कि अखिलेश समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन बुला सकते हैं. जाहिर है इसका मकसद खुद को सही बताना और मुलायम और शिवपाल पर दबाव बनाना होगा. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या परिवार का ये झगड़ा भी कहीं चुनावी रणनीति का हिस्सा तो नहीं?
पार्टी में चल रहे इस घमासान पर आजम खान ने अफसोस जताया है. सवाल ये है कि चुनाव के पहले परिवार की ये लड़ाई कहां तक जाएगी. क्या उनकी बात नहीं माने जाने पर अखिलेश कोई अलग रास्ता चुनेंगे. यूपी की 403 विधानसभा सीटों के लिए समाजवादी पार्टी में दंगल जारी है.
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