पुंछ की सरहद पर तैनात जवान तेज बहादुर यादव के वायरल वीडियो ने सरकार से लेकर बीएसएफ के आला अफसरों तक को हरकत में आने पर मजबूर किया है. लेकिन खाने के खस्ताहाल इंतजामों को लेकर यादव की शिकायतों में क्या वाकई दम है?
आज तक संवाददाता जितेंद्र बहादुर ने दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम में बीएसएफ की मेस में जाकर इसी सवाल की पड़ताल की.
क्या है दावे की असलियत?
भोंडसी में बनी इस मेस का मेन्यू बीएसएफ के डाइट मैन्युअल पर आधारित है. मैन्युअल के मुताबिक हर जवान को 3900 कैलोरी के हिसाब से खाना दिया जाता है. हर हफ्ते मेन्यू की आइटम्स जवान और मेस कमांडर मिलकर तय करते हैं.
इस मेस का खाना तेज बहादुर सिंह के वीडियो में दिखाए गए खाने से काफी बेहतर देखने को मिला. यहां मिलने वाली दाल वीडियो में दिखाई गई दाल से ज्यादा गाढ़ी है. हालांकि दाल तैयार कर रहे एक जवान ने बताया कि कभी-कभी दाल कम होने पर पानी दिया जाता है. उसके सीनियर अधिकारी ने मौके पर ही इस बात का खंडन किया.
तेज बहादुर के वीडियो से इतर यहां बनने वाली रोटियां जली हुई नहीं थीं. जवानों को बाकायदा टेबल पर बिठाकर खाना परोसा जाता है.
आज तक की टीम ने पाया कि यहां राशन की सप्लाई भी बेहतर जगहों से होती है. जवानों की थाली मेंमिक्स वेज के अलावा फल भी शामिल थे. ज्यादातर जवानों का कहना था कि इस मेस के खाने की क्वालिटी इसी तरह उम्दा होती है.
गृह मंत्रालय ने तलब की रिपोर्ट
तेज बहादुर के वीडियो पर विवाद के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से आज शाम तक रिपोर्ट तलब की है. बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक इस सिलिसिले में शुरुआती रिपोर्ट सौंप दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक तेज बहादुर के आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं मिला है. बीएसएफ के आईजी डीके उपाध्याय ने मंगलवार को बताया था कि एक डीआईजी रैंक के अधिकारी ने तेज बहादुर के कैंप का दौरा किया था. तेज बहादुर के सहकर्मियों ने इस अधिकारी के सामने वीडियो में लगाए गए आरोपों का समर्थन नहीं किया.
जवान के साथ परिवार
दूसरी ओर, तेज बहादुर के परिवार ने उसके दावों को सही ठहराया है. पिता शेर सिंह के मुताबिक उनका बेटा अपने सीनियर्स पर परेशान करने का आरोप पहले भी लगा चुका है. परिवार के सदस्यों को चिंता है कि इस विवाद के बाद तेज बहादुर को निशाना बनाया जा सकता है.
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